Monday, October 19, 2015

मुद्दा दरअसल गाय है ही नहीं


[ ] देखिये मुद्दा दरअसल गाय है ही नहीं।।
[ ] असल मुद्दा ये है कि कैसे गाय के नाम पर हिन्दुओं की भावनाओं को जगाकर मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाकर दलितों और पिछड़ों की राजनीति को पीटा जाऐ।
[ ] अभी ब्राहमणों को मुसलमान राजनीति से कोई खतरा नहीं है। न ही कोई मुसलमान नेता भाजपा या आरएसएस को देश में कोई गंभीर राजनीतिक चुनौती देने जा रहा है
[ ] दरअसल इस देश में ब्राहमणों को सबसे अधिक खतरा दलित और पिछड़ों की राजनीति से है।
[ ] अभी तक दलितों और पिछड़ों ने ही मुसलमानों की मदद से यूपी, बिहार, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश हरियाणा जैसे राज्यों में अपनी राजनीतिक सूझबूझ, अम्बेडकर और लोहिया के विचारों की बदौलत ब्राहमणों को सत्ता से बाहर खदेड़ दिया।।
तो असल खतरा इन्हें दलितों और पिछड़ो की राजनीति से है....मुसलमान राजनीति से नहीं,...इसलिए भाजपा और आरएसएस के ब्राहमण सारे देश में मुसलमानों का डर दिखाकर दलितो और पिछड़ों को हिंदू बनाने पर तुले हैं।
[ ] अब यदि इस देश का दलित और पिछड़ा ब्राह्मणों के भड़काने पर मुसलमानों से नफरत करने लगा तो देश में ब्राहमणों की सत्ता बनी रहेगी। और धीरे धीरे देश से दलितों और पिछड़ों की राजनीति का अंत हो जाएगा।। और फिर देश में ब्राहमण सत्ता एक बार फिर बिना किसी बाधा के शासन करेगी। मनुस्मृति का राज आ जाएगा।
[ ] दलितों पिछड़ों का आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा। वर्ण व्यवस्था की स्थापना की जाऐगी।
[ ] एक बार फिर जातियों को उनके काम बांट दिए जाएंगे।
[ ] जिसमें अहीर गडरिया जाट गूजर पाल सब लोग दूध का धंधा करेंगे।
[ ] लोध पटेल सिर्फ खेती करेगें।
[ ] कुशवाहा सिर्फ सब्जी उगाएगा।।
[ ] नाई सिर्फ बाल काटेगा।।
[ ] कुम्हार सिर्फ मिट्टी के बर्तन बनाएगा।
[ ] चौरसिया सिर्फ पान बेचेगा।।
[ ] लोहार सिर्फ लोहे की सामग्री बनाएगा।।
[ ] चर्मकार सिर्फ चमड़ा का काम करेगा।
[ ] धोबी सिर्फ कपड़ा धोएगा।।
[ ] यानि जो काम जिस जाति को पहले बांट दिया था वही काम अब वो जाति करेगी।
[ ] दलितों पिछड़ों को पढ़ने का अधिकार नही दिया जाएगा। जो भी दलित पिछड़ा पढ़ाई करने की कोशिश करेगा सीशा पिघलाकर उसके आंख और कान में डाला जाएगा। शंबूक की हत्याऐं होंगी। एकलब्य के अंगूठों को जबरन काटा जाएगा।
[ ] दरअसल...ब्राहमणों की असली लड़ाई तो दलितों और पिछड़ों से....मुसलमान तो महज इस लड़ाई में उनके मोहरें हैं...जिन्हें मारकर या मरवाकर वो असल में दलितों और पिछड़ों की राजनीति की हत्या करना चाहते हैं।।
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थैंक्स
(अनाम)